काटनी।। नगर निगम ने आवारा कुत्तों की नसबंदी के नाम पर लाखों रुपए बांट दिये। इसके बाद भी कुत्तों की संख्या में बढ़ोत्तरी होना निगम के भ्रष्टाचार की पोल खोल रहा है। आज सोशल मीडिया के फेसबुक पेज katni development association के द्वारा आरटीआई से प्रप्त सत्यापित दो पत्र वायरल किये गए है। जिसमे पहला पत्र आवारा कुत्तो की नसबंदी के लिए नगर निगम के द्वारा 293058 रुपये का भुगतान प्राप्त होने और कार्य का सत्यापन कराए जाने और लेखा शाखा को भेजे जाने के संबंध का है। जबकि दूसरा पत्र में नसबन्दी करने वाली संस्था के नाम पर 2 हजार कुत्तो के लिए 1458000 रुपए का भुगतान किए जाने के संदर्भ का है। सुनने में जरा मजाकिया लगेगा कि शहर के आवारा कुत्तो की नसबंदी के नाम से एनिमल केयर फाउंडेशन एचएनए, विद्याविहार कालोनी, विद्युत नगर दुर्ग छत्तीसगढ़ के नाम से बिल का भुगतान किये जाने के आदेश हुए है और शहर वासियों को यह भी नही पता चल पाया कि उनके मुहल्ले में घूमने वाले कुत्तों की नसबंदी हो गई। अब सवाल यह है कि यदि नगर निगम इसी प्रकार नसबंदी कर रही है तो फिर आवारा कुत्तो की संख्या में इजाफा क्यों हो रहा है। क्या नगर निगम द्वारा कुत्तों की नसबंदी पहली बार कराई गई है या फिर इसके पहले भी कुत्तों की नस बंदी के नाम पर राशि का आहरण की गई है। पत्रों को पढ़ने पर एक बात स्पष्ट है कि आवारा कुत्तो की नसबंदी कि गई है। जिसका कार्य एनिमल केयर फाउंडेशन ने किया है। लेकिन यह स्पष्ट नही हुआ है कि जिन कुत्तों की नसबंदी की गई है उन्हें कैसे पहचाना जाएगा। क्योंकि कार्यादेश में ऐसा कोई विवरण नही दिया गया है कि जिन कुत्तों की नसबंदी की है उन्हें कोई निशान या टैग लगाया जाए जिससे यह पता चल सके कि कितने कुत्ते नसबंदी किये जा चुके है और कितने बचे हुए है।
Katni News:कुत्तो की नसबंदी के नाम पर बजट से ज्यादा खर्च, आरटीआई से खुलासा
bySandesh Dunia
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