Katni News:आयुष्मान कार्ड के नाम पर निजी हास्पिटलो द्वारा मरीजो से हो रही है भारी लूट

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी आयुष्यमान योजना, ₹5 गैस की सब्सिडी का मैसेज आता है तो आयुष्मान योजना का क्यों नहीं?
कटनी। देश की आम जनता को सरल और सस्ता इलाज मुहैया कराने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार ने महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Yojana) की शुरुआत की थी, लेकिन अब यह योजना गड़बड़ी का शिकार हो रही है. ऐसा देखा जा रहा है कि कुछ निजी अस्पताल (Private Hospitals) आयुष्मान योजना के जरिए सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगा रहे हैं. 

योजना के तहत निजी अस्पतालों में चल रही गड़बड़ी के लिए योजना से जुड़े स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत की अहम भूमिका मानी जा रही है आमजन का कहना है कि जब ₹5 की सब्सिडी गैस सिलेंडर लेने पर आती है तो उसका बकायदा मैसेज आता है, आयुष्मान योजना में लाखों रुपए का पेमेंट हॉस्पिटलों को किया जा रहा है पर ना ही पेशेंट से संपर्क किया जाता है और ना ही उसके मोबाइल में मैसेज आता है। प्राइवेट अस्पताल पर संदेह होने पर आरटीआई लगाने पर ही जानकारी मिल पाती है कि आयुष्मान कार्ड में कितना पैसा हॉस्पिटल द्वारा ले लिया गया।

आमतौर पर होने वाली शिकायतों में यह कहा गया
बताया जाता है कि योजना के अंतर्गत भर्ती होकर उपचार कराने वाले मरीजों से अलग से रकम वसूली की जा रही है. मरीज और उनके स्वजन को बताया जा रहा है कि योजना के तहत उपचार का पैकेज बहुत कम है, इसलिए इलाज कराने के लिए उन्हें अलग से रकम देनी होगी. तमाम मरीज और उनके स्वजन अतिरिक्त रकम चुकाने के लिए मजबूर हो रहे हैं.


अखिल भारतीय वैश्य महापरिषद व जन लोक मोर्चा के पददाधिकारी अनिरुद्ध बजाज,वैध सुरेंद्र विश्वकर्मा,अंशुल बहरे,एडवोकेट आर के बक्शी,एडवोकेट अजय सांडिल्य,शुभाष मालाकार,श्याम तिवारी आदि सदस्यो मुख्य चिकित्सक व स्वास्थ्य अधिकारी से अपील की है कि आयुष्मान कार्ड के अधिकृत प्राइवेट हॉस्पिटल में छापा मार उनके खातों को चेक किया जाना चाहिए और गड़बड़ी प्राप्त होने पर अस्पतालों का रेजिस्ट्रेशन निरस्त करना चाहिए। क्योंकि अधिकत्तर अस्पताल आयुष्मान कार्डो को किनारे फेक कर उनसे अधिक इलाज रकम लेते है और बाद में उनके खाते से पैसा काट लेते है। अगर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इन बातों पर गौर नही किया तो परिषद के द्वारा स्वास्थ मंत्री व मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर इन स्वास्थ अधिकारियों को हटवाने की व निजी अस्पतालों को बंद करवाने की अपील करेगी ये मांग जनहित व आयुष्मान कार्ड धारकों की है इसकी समस्त जिम्मेदारी संबंधित अधिकारियों की होगी।

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