Delhi News In Hindi:JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन

JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन हो गया है. उनकी बेटी ने इस खबर की पुष्टि कर दी है. 75 साल की उम्र में शरद यादव ने अंतिम सांस ली. बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले शरद यादव का जाना सभी को दुखी कर गया है. उनकी समाजवाद वाली राजनीति ने उन्हें जनता के बीच लोकप्रिय बना दिया था. लेकिन अब उस महान नेता ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया है. गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में उनका निधन हुआ है.

शरद यादव की बेटी सुभाषिनी ने ट्विटर पर अपने पिता की मौत पर शोक व्यक्त किया है. उन्होंने लिखा है कि पापा नहीं रहे. फोर्टिस अस्पताल ने जारी बयान में कहा है कि शरद यादव को बेहोशी की हालत में अस्पताल लाया गया था. उनमें कोई पल्स नहीं थी. प्रोटोकॉल के तहत उन्हें CPR दिया गया था. तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका. रात 10.19 पर उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं.

इस समाजवाद नेता के जाने से राजनीतिक गलियारों में भी शोक की लहर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि शरद यादव जी के जाने से दुख हुआ. एक लंबे राजीतिक जीवन में उन्होंने बतौर सांसद और मंत्री एक अलग पहचान बनाई. लोहिया के विचारों से वे काफी प्रेरित थे. मैं उनसे की हुई हर बातचीत को याद रखूंगा. उनके परिवार के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी शोक जताया है. बिरला ने कहा कि शरद यादव विलक्षण प्रतिभा वाले महान समाजवादी नेता थे. उन्होंने वंचितों-शोषितों के दर्द को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित किया. उनका निधन समाजवादी आंदोलन के लिए बड़ी क्षति है. परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं.


बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूं. कुछ कह पाने में असमर्थ हूं. माता जी और भाई शांतनु से वार्ता हुई. दुःख की इस घड़ी में संपूर्ण समाजवादी परिवार परिजनों के साथ है. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने भी दुख जताया है. शुक्ला ने कहा- पूर्व केंद्रीय मंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव जी के निधन के बारे में जानकर स्तब्ध और पीड़ा हुई. वे एक अच्छे राजनेता थे जो लोगों की नब्ज समझते थे. उनके परिवार और अनुयायियों के प्रति मेरी संवेदनाएं. ओम शांति.

शरद यादव पढ़ाई के समय से ही राजनीति में दिलचस्पी रही और 1971 में  उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की. डॉ. राम मनोहर लोहिया के विचारों से प्रेरित होकर सक्रिय युवा नेता के तौर पर शरद यादव ने कई आंदोलनों में हिस्सा लिया और MISA के तहत 1969-70, 1972 और 1975 में हिरासत में लिए गए. सक्रिय राजनीति में शरद यादव ने साल 1974 में कदम रखा था. वे पहली बार मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. वो जेपी आंदोलन का समय था और वह हल्दर किसान के रूप में जेपी द्वारा चुने गए पहले उम्मीदवार थे.

Post a Comment

Previous Post Next Post