शासकीय स्कूल पर भूमाफियों का कब्जा-sandesh dunia


कटनी-बिलहरी/रीठी/ जिले सहित अंचल के भूमाफियों ने सरकारी भूमि, भवनों और श्मशान को निशाना बना रहे हैं और प्रशासन बेसुध निढ़ाल होकर पड़ा है। भूमाफियों की इतनी हौसला बुलन्द हो गई कि रीठी क्षेत्र की बिरुहली ग्राम में श्मशान की भूमि खसरा नं. 738 रकबा 0.96 प.ह.न.36 मण्डल राजस्व बिलहरी के अंतर्गत श्मशान की भूमि में पंचायत के द्वारा निर्माण किया जा रहा है जबकि उसी भूमि पर खेल मैदान व गांव के मवेशियों की गौठान है एवं होलिका दहन भी किया जाता है। जिसे जनहित में उपरोक्त सभी भूमियों का सीमांकन कराकर कब्जा हटाए जाने में प्रशासन बेखबर है। माननीय मुख्यमंत्री द्वारा कब्जा हटाने व माफियों के बिरुद कार्यवाही चल रही है लेकिन अनुविभागीय अधिकारी रीठी, कलेक्टर को दी गई शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है और प्रशासन की उदासीनता के चलते भी अप्रिय अनहोनी हो सकती है। हाईस्कूल के खसरा नं. 746 पर भी अवैध कब्जा नं.764 रकबा 1.61 हेक्टेयर, खसरा नं. 769, रकबा पुराना 2.277 नया 1.39 में अवैध कब्जा है,745 एवं 756 खसरा नं. स्कूलों के लिए आरक्षित है जिसमे कि गांव के ही तथाकथित लोगों द्वारा कब्जा कर खेती की जा रही है। कुछ लोगों के द्वारा अवैध निर्माण भी किया गया है व सरकारी जमीन को राजस्व अधिकारियों से मिलीभगत कर अपने नामपर भी करा लिये हैं लाखों करोड़ों की भूमि पर कब्जा करके बैठे हैं एवं लाभ कमा रहे हैं। अनुविभागीय अधिकारी ने नहीं दिखाई रुचि, माफिया गुंडई में उतारू ग्रामीणों ने अपने ग्राम की सरकारी भूमि बचाने के लिए कई बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहे हैं ग्रामीण यह भी बताते हैं कि कलेक्टर महोदय एसडीएम अपर कलेक्टर सीईओ जिला पंचायत एवं जिला शिक्षा अधिकारी को भी सभी को शिकायत दी जा चुकी है किंतु प्रशासन माफियों के दबाब में तहसील में जाकर दम तोड़ रही हैं एवं राजस्व विभाग बता दें कि स्कूल के खसरा की मिलीभगत से आज तक कोई कार्यवाही नहीं की गई। इतना ही नहीं कब्जा धारियों के द्वारा ग्रामीणों को गुंडई करते हुए, आतंकित भी कर गाली गलौज भी किया जाता है। ग्रामीण जन एवं विद्यार्थी व स्कूल प्रबंधन के द्वारा कलेक्टर का ध्यानाकर्षण कराया है कि तुरन्त कार्यवाही करने का आग्रह किया जाता है। गौरतलब है कि राज्य शिक्षण संचनालय भोपाल के द्वारा सभी सरकारी स्कूलों की जमीन पर अतिक्रमण हटाने के लिए आदेश भी जारी किए गए हैं लेकिन प्रशासन कुछ नहीं कर रहा है। जिससे ग्रामीणों एवं विद्यार्थियों में असंतोष फैला हुआ है!

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