जबलपुर।। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अधिकारियों की टीम ने Central India Kidney Hospital) को सील कर दिया। दरअसल होटल में आयुष्मान कार्डधारी मरीजों को भर्ती कर फर्जीवाड़ा करने के मामले में जांच चल रही है। इधर ‘अस्पताल और होटल’ प्रबंधन के नए-नए कारनामें सामने आ रहे हैं। पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा की गई छापामार कार्रवाई के बाद अस्पताल से जुड़े लोगों के बीच तरह-तरह की बातें हो रही हैं।
चर्चा है कि पूर्ण रूप से स्वस्थ्य आयुष्मान कार्डधारी व्यक्ति को ही होटल में भर्ती किया जाता था। होटल में मरीज को भर्ती करने का कार्य होटल के ग्राउंड फ्लोर में चल रहे एमआरआई सेंटर के टेक्नीशियन करते थे। मारीज के भर्ती होने के बाद प्रतिदिन उसकी उपस्थिति का रिकार्ड और निर्धारित दिन पूरे होने पर मारीज को डिस्जार्च करने की जिम्मेदारी होटल के वेटर संभालते थे। भरोसेमंद वेटर 1000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से डिस्चार्ज मरीज को काउंटर से भुगतान का लिफाफा देकर गेटपास की पर्ची देते थे।
सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा के नेतृत्व में आयुष्मान योजना और नियम विरुद्ध होटल परिसर में मरीजों को भर्ती करने की जांच चल रही है। आयुष्मान अधिकारी सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग की टीम सभी पहलुओं का बारीकी से परीक्षण कर दस्तावेजों का अवलोकन कर रहे हैं।
भर्ती मरीजों को क्या ट्रीटमेंट दिया गया और कुल कितना भुगतान आयुष्मान योजना से अब दिया गया है, इसकी पूरी कुंडली खंगाली जा रही है।संभवत: सोमवार तक जांच प्रतिवेदन पुलिस को दिया जाएगा, इसके बाद लार्डगंज थाना में संबंधितों पर विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
मरीजों, संदेहियों और दलालों के बयान हो रहे दर्ज-
मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की टीम वेगा होटल से डिस्चार्ज हुए पुराने मरीज, संदेही और चिनिहत दलालों के मौखिक एवं लिखित बयान ले रही है।