भारी बारिश ने आटी सिटी बेंगलुरू
को तवाह की स्थिति बना दिया है। इस तबाही ने 23 बर्षीय लड़की का जान ले ली। इस पर लोगो ने कर्नाटक सरकार पर लपरवाही
का जिम्मेदार ठहराया हैं। मृतका का पहचान अखिला के रूप में हुई हैं।
बेंगलुरु,(06 सितंबर 2022)- सिलीकाॅन सिटी के नाम से मशहूर बेंगलुरू में बारिश का पानी ने तबाही का मंजर बना दिया हैं कि सड़क पर गिरने से लड़की करेंट के चपेट आ जाने से तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया। उसकी मौत पर लोगो के गुसा फूटा है। लोगो कहना हैं कि इस घटना जिम्मेदार सरकार है उसकी लपरवाही के कारण उस लड़की का जान गयी। सरकार के लपरवाही ने मार डाला।
भारी बारिश में यह पहला मौत
हैं पूरा शहर बारिश के पानी से भरा हुआ है। शहर के तबाही ने लड़की की जान ले लिया। इस
लड़की की मौत कि लिए कर्नाटक सरकार को जिम्मेदार माना हैं।
लिहाजाए मयूरा बेकरी के पास अखिला अपनी स्कूटी से उतर गई क्योंकि वहां सड़क के एक हिस्से में बहुत पानी भर गया थाण् अखिला घुटनों तक पानी में दुपहिया वाहन को खींच रही थी, तभी अचानक उसने अपना संतुलन खो दियाण् वो गिरने ही वाली थी कि उसने वहां मौजूद एक बिजली के खंभे को पकड़कर संभलने की कोशिश कीण् लेकिन उसे लेकिन उसे क्या पता था कि जिस खंभे को पकड़कर वो बचना चाहती हैए वही उसकी मौत का सबब बन जाएगा,
जैसे ही अखिला ने उस खंभे को पकड़ाए उसे तेज करंट ने अपनी चपेट में ले लियाण् वो तड़पने लगी, तड़पती रही, मगर कोई बचाने नहीं आया, कुछ देर बाद उसका जिस्म पानी गिर पड़ाण् तब कुछ लोगों ने हिम्मत जुटाई और उसे उठाकर अस्पताल ले जाया गयाए मगर तब तक बहुत देर हो चुकी थीण् डॉक्टरों ने उसे जांच के बाद मुर्दा करार दे दियाण् अखिला की मौत ने सरकार और प्रशासन की लापरवाही को बेनकाब कर दिया!
मृतका अखिला की बहन आशा बताती
हैं कि पानी रुका होने के कारण वह सुरक्षित स्थान पर आने की कोशिश कर रही थीण् इसके
बाद वह नीचे गिर गईण् वह कुछ सहारा चाहती थी और बिजली के खंभे से चिपकी रही, यह सुरक्षित
नहीं था लोग उसकी मदद करने से भी डर रहे थे उसे करंट लगा था जब तक सारे तार काटे
गए तब तक देर हो चुकी थी
वो भावुक होकर कहती हैं कि
जब तक हम उसे अस्पताल ले गए तब तक उसकी प्लसए शरीर के सभी अंग स्थिर थेण् हम उसे मणिपाल
के बेहतर अस्पताल ले गएण् उन्होंने कहा कि 30 मिनट पहले वो मर चुकी हैण् वह एक सुशिक्षित ग्रेजुएट थीण् उसे पास
के एक संगीत विद्यालय में अच्छी नौकरी मिल गई थीण् वह खुश थी वह हमारे घर में बेटे
की तरह थी क्योंकि मेरा भाई शारीरिक रूप से विकलांग है इसलिए हम उस पर भरोसा करते
थे वो हम सबकी मदद करती थी,
आशा ने कहा कि मेरी बहन जैसा हाल किसी का नहीं होना चाहिएण् किसी को ऐसे हालात का सामना ना करना पड़े बिजली के खंभों का ध्यान रखेंण् वह मदद के लिए चिल्ला रही थी लेकिन कोई उसका साथ नहीं दे रहा था मैं अधिकारियों से अनुरोध करती हूं कि वे बिजली के खंभों पर ध्यान दें जो ऐसी हालत में हैं
अखिला की मौत के बाद बीबीएमपी
के आयुक्त तुषार गिरिनाथ कह रहे है कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने एक जीवन खो दियाण्
इस मामले की जांच की जा रही है हमें नहीं पता कि उसे करंट कैसे लगा हमारे पास विद्युत
निरीक्षक हैं जो जांच करेंगे और एक रिपोर्ट देंगे मगर सवाल उठता है कि अब अधिकारी
चाहे जांच कराएं या फिर किसी को सजा देंए लेकिन अखिला अब कभी लौटकर वापस नहीं आएगीण्
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