रामलीला में अब मार्मिक प्रसंग
राजा बनते- बनते वनवासी हो गए राम
कटनी। कहते हैं, जो जो वन गया, वो बन गया। जीवन के उत्कर्ष मैं आरण्य का बड़ा योगदान है। ये बात त्रेता में भी लागू थी, और अब भी लागू है। घंटाघर रामलीला में कल जो की श्री शारदा रामलीला मंडल संचालक श्री धर्मराज पाठक मुकाम गोरैया जिला सतना मध्य प्रदेश द्वारा मंचित दशरथ प्रतिज्ञा, केकई मंथरा संवाद, राम वन गमन
आज से भगवान श्री राम की वन की लीला मंचित की जाएगी।
कमेटी ने लोगों से अधिकाधिक संख्या में पहुंच कर राम के आदर्शों को आत्मसात करने का आग्रह है, 10 दशकों के पहले से होती आ रही रामलीला के मंचन में बढ़ता जनसमुदाय दिन-प्रतिदिन भव्यता प्रदान कर रहा है।
कमेटी के सर्व श्री मोहनलाल जी सॉव श्री घंटाघर रामलीला कमेटी कटनी के पदाधिकारी अध्यक्ष राजाराम यादव, महामंत्री गिरधारी लाल स्वर्णकार,राजेंद्र तिवारी,मयंक गुप्ता,जयकांत पुरवार, नारायण धुरिया जी, सुधीर कनेकने, मनीष कुशवाहा, पुरुषोत्तम निषाद, अंशुल बहरे, बरन चंदवानी,अनंत गुप्ता, जयकांत पुरवार आदि श्रोताओं, सहयोगियों की उपस्थिति रही।