कटनी ।। गोपाल नगर दुबे कालोनी में चल रही श्री रामकथा के चतुर्थ दिवस व्यास गद्दी से परम श्रद्धेय नरेंद्र रामदास जी महाराज (शास्त्री) ने भगवान श्रीराम और तीनों भाईयों की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया कि जिस परमात्मा की भौंहों की इशारों पर पूरी सृष्टि झूलने लगती है उस प्रभु को बाल रूप में माता कौशल्या रामलला को, माता कैकयी भरत, को और माता सुमित्रा लखन लाल और शत्रुघ्न को, पालना झुला रहीं हैं और प्रभु पालने में लेटे-लेटे अपने पैर का अंगूठा चूस रहे मुस्करा रहे हैं और प्रभु की इस अद्भुत लीला को देखकर शिवजी ब्रह्मा सहित देव यक्ष गंधर्व किन्नर भी पुण्य लाभ ले रहे क्योंकि प्रभु की ऐसी लीला लाखों-करोड़ों वर्षों बाद देखने मिलती है ।
कथा में आगे के प्रसंग में कागभुसण्डी जी महाराज कैसे बाल स्वरूप भगवान राम के हाथ से जूठी दही-रोटी छीनकर अपना जीवन धन्य करते हैं कैसे भगवान शिव स्वयं ज्योतिष रूप रखकर पावन अयोध्या में आकर श्रीहरि के दर्शन किए इसी तरह के व्यास गद्दी से मानस के विविध प्रसंगों से रामभक्ति अविरल बहती रही और उस भक्तिगंगा में स्थानीय सैकड़ों माता बहनों एवं भक्तजनों प्रेम और श्रद्धा की डुबकी लगाते रहे ।
सादर प्रकाशनार्थ