Katni News:कटनी जिले मे बढते कदम गौतम अडानी के


व्यापारिक मांशीकता के साथ सिर्फ फायदा की दौड
प्रोडक्शन की तिब्रता के अलावा कोई सरोकार नही रोजगार से गरीबो के दुख दर्द 

कटनी(विजयराघवगढ़) :- पैसो के पिछे दौडने बाले व्यापारियो से उम्मीद लगाना व्यर्थ। बरही बुजबुजा पावर प्लांट को अपने नाम पर करने के बाद एसीसी सीमेंट प्लांट कैमोर व नवीन प्लांट अमेहटा पर अपना अधिनस्थ जमाने बाले गौतम शांतिलाल अडानी। एक भारतीय उद्यमी और स्वयं निर्मित अरबपति है जो अडानी समूह के अध्यक्ष हैं। अडानी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन एवं पारेषण और गैस वितरण में फैले कारोबार को सम्भालने वाला विश्व स्तर का एकीकृत बुनियादी ढ़ाँचा है। इन उद्योगों को मुनाफे का व्यापार बनाने के बाद अडानी ने सीमेंट की दुनिया मे कदम रखा और देश की अनेको एसीसी सीमेंट प्लांटो पर अपने नाम का ध्वज फहरा दिया। अडानी एक सफल उद्योगपति है। विश्व स्तर पर व्यापार करने बाले की पहुच पकड का अंदाजा लगाना कठिन ही नही नामुमकिन है। अडानी अपने उद्योगों को मशीनरी सिस्टम से परिपूर्ण बना रखा है जिसमे मजदूरों की आवश्यकता न के बराबर होती यानी की रोजगार के लिए सोचना फिजूल है वही गौतम अडानी का मैनेजमेंट  अपनी पहुंच पकड के  बलबूते न किसी का दबाव सुनता न जन भागीदारी निभाता। बरही पावर प्लांट को लगभग तीन वर्ष पूर्व अडानी के नाम हुआ किन्तु अडानी मैनेजमेंट ने न तो  रोजगार के लिए सोचा न ही समाज हित जन हित पर कोई पहल नही की। मुनाफे का व्यापार करने वाले छोटे लोगों की तरफ कहा देखते हैं। हालांकि गौतम अडानी के बारे मे जितना जाना या सुना गया है वह सिर्फ इतना ही की गौतम अडानी ने बंद होते प्लांटो को खरीद उन्हे एक उचाई तक पहुचाया जो विश्व स्तर के उद्योग बन कर कार्य कर रहे हैं। रोजगार समस्याओं से कोई लेना-देना नही गौतम अडानी मैनेजमेंट को एसीसी सीमेंट प्लांट भी कुछ इसी तरह की रुपरेखा तैयार कर अडानी एम्पायर के अनुसार कैमोर बरही छेत्र छेत्र मे अपना रुख अपना नही है। प्लांट स्थापित होने के पश्चात सिर्फ कुछ मजदूर लेवरो से प्लांट संचालित होगा। कैमोर उद्योग के अधिकारी गौतम अडानी के नाम की दहसत फैलाने मे जुट चुके हैं उनका कहना है कि गौतम अडानी व्यापारी व्यक्ति है व्यापारी रोजगार मिले न मिले गरीब जिये या मरे उसे कोई फर्क नही पडता प्लांट का प्रोडक्शन कम नही होना चाहिए प्रोडक्शन मे बढोत्तरी के उपाय देखे जा रहे हैं। इस मे न किसी का दबाव पसंद किया जाएगा न दखलंदाजी। 

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