प्रसव के प्रकरणों में जानबूझकर रेफर करने और लापरवाही बरतने वाले 10 स्वास्थ्य अधिकारियों को नोटिस जारी
कलेक्टर श्री प्रसाद की समीक्षा में सामने आई लापरवाही
कटनी।।(18 मई, 2023)
सुरक्षित और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कलेक्टर अवि प्रसाद प्रसव के प्रत्येक रेफरल मामले की समीक्षा करते हैं। ऐसी ही समीक्षा के दौरान गर्भवती महिला की सभी जांच रिपोर्ट सामान्य होने और गर्भवती हाईरिस्क श्रेणी में नहीं होने के बाद भी जानबूझकर जिला चिकित्सालय रेफर करने और ए.एन.सी के दौरान सभी चार जांच नहीं करने वाले ए.एन.एम, नर्सिग ऑफीसर और चिकित्सा अधिकारियों को मिलाकर 10 स्वास्थ्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर श्री प्रसाद ने ऐसे लापरवाह स्वास्थ्य अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर असंतोष और गहन नाराजगी व्यक्त करते हुए सी.एम.एच.ओ को सभी 10 स्वास्थ्य अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।
कलेक्टर श्री प्रसाद के निर्देश के बाद सी.एम.एच.ओ ने जिन कर्मियों को नोटिस जारी किया है उनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कन्हवारा के चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय राजश्री और नर्सिंग ऑफीसर अंशु पटेल शामिल हैं। इन लोगों ने गर्भवती के हाईरिस्क नहीं होने के बाद भी गर्भवती को जिला चिकित्सालय रेफर किया। इसी प्रकार सिविल अस्पताल विजयराघवगढ़ के चिकित्सा अधिकारी डॉ. नुरूल हसन और नर्सिंग ऑफीसर प्रिया उरमालिया ने भी गर्भवती के हाईरिस्क नहीं होने के बाद भी गर्भवती को रेफर कर दिया था।
इसी प्रकार उपस्वास्थ्य केन्द्र कुदरेही की ए.एन.एम. राजेश्वरी डेकमारे और सी.एच.ओ. गायत्री राठौर ने गर्भवती की कोई जांच नहीं किया। इसके अलावा सामुदायिक केन्द्र रीठी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रमोद नाहर और नर्सिंग ऑफीसर प्रतिभा यादव ने गर्भवती की मात्र तीन ए एन सी जांच की और हाईरिस्क श्रेणी में नहीं होने के बाद भी रेफर को कलेक्टर श्री प्रसाद ने गंभीरता से लेते हुए गहन नाराजगी जाहिर की है। इसी तरह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बिलहरी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्वास त्रिपाठी और नर्सिंग ऑफीसर रोशनी कोरी द्वारा भी गर्भवती की तीन ही जांच की गई हाईरिस्क नहीं होने के बाद भी रेफर किया गया। जबकि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रीठी के चिकित्सा अधिकारी डॉ. सौरभ लहारिया और नर्सिंग ऑफीसर प्रतिभा यादव ने भी गर्भवती के हाईरिस्क नहीं होने पर भी गर्भवती को जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया, जो उचित नहीं था। इन सबको दो दिवस के भीतर स्पष्टीकरण का जवाब देने के निर्देश दिये गये हैं।