लखनऊ(संदेश दुनिया)।।आादिपुरूष फिल्म में रामायण के सभी पात्रो को दिखाया गया है । जिसमे पात्रो के द्वारा हमारे धर्म को अमपानित किया गया है ऐसा नही करना चाहिए था। इसको लेकर समाजवादी पार्टी के नेता ने विरोध व्यक्त किया है। और सनातन धर्म के ठिकेदारो को भी आड़े हाथ लिया।
समाजादी पार्टी के बरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आदिपुरूष फिल्म में रामायण के अभिनय और उनके कलाकारो द्वारा अमार्यदित भाषा का प्रयोग किया है उससे हमारे सनातन धर्म का अपमान हुआ है। जिस तरह से फिल्म मेे भाषा का प्रयोग किया गया है वह मवाली , टपोरियों व अमर्यादित स्तरहीन गुडें बोलकर उपहास उड़ाया है। सपा नेता ने विरोध के साथ हिन्दू धर्म के ठेकेदारों से पूछा है कि इस तरह के अभिनय से सनातन धर्म का अपमान नही हुआ है घ् अगर हुआ है तो आतंकवादी भाषा बालने वाले साधु- संत और धर्म ठेकेदार किस चूहे के बिल में घुस गये है। जो कल तक मेरी हत्या करने ,जीभ काटने, नाक-कान व हाथ काटने के लिए उतावले थे, वो अब क्यो नही बोल रहे है। सपा नेता ने आरोप लगाया कि मनोज मुन्तसिर और ओम राऊत ऊॅंची जाती के है, इसी लिए बोलती बन्द है।
सपा नेता मौर्य ने कहा कि मैने तो किसी धर्म]अराध्य पर कोई टिप्पणी भी नही किया था बल्कि मानस के मात्र उन चैपाइयों के अंश को संशोधित व प्रतिबंधित करने की मांग किया था। जिसमें तुलसीदास जातीय कुंठा से ग्रसित होकर शुद्र वर्ण में आने वाली जातियों को देश की समस्त महिलाओ को मारने -पीटने, नीच व अधम कहने, नीच से भी नीच करार करने तथा अपानित करने की बात कही थी।
twitter 18 june 2023
इसी साल के जनवरी माह में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि रामचरित मानस के कुछ हिस्सो पर पाबंदी लगाने की आवश्यकता हैं। जिससे समाज के एक बड़े तबके का जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर अपमान होता है।
रामचरित मानस पर विवादित बयान देने के बाद लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई गई थी ,और हिन्दू संगठनो और साधु-संतो के द्वारा सपा नेता का जीभ, और गर्दन काटने की धमकी मिली थी।