गलत साक्ष्य पेशकर
अनुसुचित जनजाति का प्रमाण पत्र हासिल करने और इसके क्रियान्वयन में लापरावाही बरतने के आरोप में बांसडीह के तत्कालीन तहसीलदार और
दो अन्य के खिलाफ सीओ बांसडीह के तहरीर पर दोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। यह
मुकदमा कोर्ट के आदेश पर दर्ज किया गया हैं।
बलिया।। बांसडीह रोड थाना क्षे़त्र के कतरिया में मारमीट के
मामले में वादी बलिराम प्रसाद के तहरीर पर दूसरे पक्ष के खिलाफ मारपीट के मुकदमा
दर्ज किया गया था। वादी पक्ष के घायल नीरज कुमार और प्रदीप कुमार ने पुलिस को स्वंय
को अनुसुचित जनजाति के होने का प्रमाण प्रत्र दिया था। इसके अधार पर मुकदमे में
एसी एसटी एक्ट के धारा की बढ़ोतरी की गयी। इसकी जांच सीओ बांसडीह शिव कुमार बैस के
द्वारा किया जा रहा था। इस दौरान अनुसुचित जनजाति के प्रमाण पत्र की सत्यापन के
लिए उपजिलाधिकारी बांसडीह के कर्यालय को भेजा गया। जांच के दौरान प्रकाश में आया
कि आवेदन के द्वारा तथ्यो को छिपाकर गलत तरीके से
अनुसुचित जनजाति के प्रमाण पत्र हासिल किया गया है।
वे तुराहा जाति के हैं जो अनुसुचित जनजाति की श्रेणी में नही आते
हैं। इसके बाद सीओ के द्वारा मुकदमे में एसी एक्ट का धारा हटाने के लिए न्यायालय
में उपस्थित होकर अपर न्यायधीश को जानकारी दी गई । उन्होने प्रमाण पत्र जारी करने
वाले अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रिर्पोट पेश करने का आदेश दिये थे।
न्यायालया के आदेश के अनुपालन में बांसडीह सीओ के तहरीर पर बांसडीह कोतवाली में अवैध प्रमाण
पत्र के धारका नीरज कुमार ,प्रदीप कुमार व तत्कालीन तहसीलदार मुकेश
कुमार सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया हैं। सीओ शिवनरायण बैस ने बताया कि
न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर करवाई चल रही है।
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