कानपुर।। सरकारी विभागों में फाइलों का महत्व सबसे ज्यादा होता है. लोग इन्हीं फाइलों को पास करवाने या आगे बढ़ाने की मशक्कत में लगे रहते हैं, लेकिन कानपुर में विकास भवन के सरकारी कर्मचारियों की लापरवाही के चलते हैं ऐसी कई फाइल कबाड़ में चली गईं. वो भी इसलिए क्योंकि सफाई कर्मी को शराब खरीदने के पैसों की जरूरत होती थी. वह इस फाइलों को इकठ्ठा करता और कबाड़ में बेच रहा था.
दरअसल, कानपुर में विकास भवन में तैनात सफाई कर्मी मोहन ने समाज कल्याण, उद्यान और नेडा विभाग की कई फाइलें सहित वृद्धा पेंशन, पारिवारिक लाभ के आवेदन पत्रों के कई बंडल रद्दी में बेच दिया. उसने यह शराब खरीदने के लिए पैसों की व्यवस्था करने के लिए किया. ऐसा वह काफी समय से कर रहा थी.
बोरे में फाइलें भरता पकड़ा गया मोहन
मामले का खुलासा तब हुआ जब यूपी नेडा के एक कर्मचारी ने मोहन को इन फाइलों को आवेदन पत्रों को बोरे में भरते हुए देखा था. मोहन को पकड़ा गया. उससे पास मौजूद बोरे को छीना गया और देखा तो उसमें ढेरों महत्वपूर्ण फाइलें मिलीं. हंगामा मचने पर अन्य कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे थे. जब उन लोगों इस बात की जानकारी मिली थी. तो कई फाइलें गायब होने का खुलासा हुआ.
ढूंढे जा रहे थे बंडल
सामने आया कि समाज कल्याण विभाग के कंप्यूटर कक्ष में काफी समय से वृद्धा पेंशन के आवेदन पत्रों का बंडल काफी समय से गायब था. विभाग के कर्मचारियों को लगा था कि बंडल ऑफिस में कहीं रखा होगा तो उसकी तलाश की जा रही थी. मगर, बंडल मिल नहीं रहा था. उन्हें यह नहीं पता था कि बंडल को बेच दिया गया है.
विभाग में मचा हड़कंप
इस मामले का खुलासा होने पर विकास भवन में हड़कंप मच गया. जानकारी सीडीओ को दी गई. उन्होंने तत्काल प्रभाव से सफाईकर्मी मनोज को निलंबित कर दिया. साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर दिया. मामले का खुलासा होने के बाद सभी विभागों के जिम्मेदार अधिकारी एक-दूसरे पर लापरवाही दिखाने का आरोप लगाते नजर आए. हर कोई अपना पल्ला झाड़ता नजर आया. वहीं, सीडीओ ने लापरवाही बरतने वाले विभागों से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है.
वापस लाए सरकारी रिकॉर्ड
पूछताछ में मनोज ने बताया कि वह काफी समय से सरकारी फाइलें बेचता आ रहा है. यह सब शराब के लिए पैसों की व्यवस्था करने के लिए कर रहा था. उससे जानकारी लेने के बाद उस जगह पर जाया गया जहां पर वह इन रिकॉर्ड्स को बेच रहा था. वहां पहुंचने पर अधिकारियों को काफी सारी फाइलें बरामद हुई हैं, जिन्हें वापस विकास भवन लाया गया.
फरार हुआ आरोपी सफाईकर्मी
सामने आया है कि विकास भवन में अधिकारियों के कक्ष में सफाई के लिए विभागीय कर्मचारी (प्यून) नहीं है. ऐसे में प्राइवेट लोगों से यहां पर साफ-सफाई का काम कराया जाता है. सरकारी रिकॉर्ड को कबाड़े में बेचने वाला आरोपी सफाईकर्मी मोहन फरार हो गया है. पुलिस उसकी तलाश कर रही है. वहीं, यह मामला चर्चा में बना हुआ है.