कटनी।।मुनि श्री 108 महासागर जी महाराज, मुनि निष्कंप सागर जी महाराज ऐलक श्री निश्चिय सागर के परम सानिध्य में पंचधाम पूजन विधान का 5 दिवसीय कार्यक्रम रखा गया। कार्यक्रम के पुर्णजय डॉ.शिखर जैन, श्रीमति अलका जैन, डॉ.सौरभ जैन, श्रीमति साक्षी जैन रहे इस अवसर पर श्रावक श्रेष्ठी बनने का सौभाग्य स.सि.उत्तमचंद अनुराग कुमार अनुज कुमार, पंचम जैन, स्वप्निल जैन,सलील जैन-कृषि विकास, सि.संतोष कुमार, सुबोध सिंघई, प्रवीण सिंघई-मालगुजार, स.सि.शांति कुमार, अभिषेक कुमार के साथ रात्रिकालीन पाठशाला के शिक्षिकाओं को प्राप्त हुआ। श्रेष्ठीजनों द्वारा मुनिसंघ को श्रीफल चढ़ाकर आर्शीवाद लिया गया।
इस अवसर पर प.पू.समता सागर जी महाराज ने चर्चा करते हुये बतलाया की दीपावली का त्यौहार प्रकाश का त्यौहार प्रकाश एवं स्वच्छता का त्यौहार है । हमारे देश में हर त्यौहार को धार्मिक रूप दिया गया है और जैन समाज में दीपावली को भगवान महावीर के निर्वाण उत्सव से जोड़ा गया है। जैनों में धनतेरस को धन्य तेरस बोलते है और ऐसी मान्यता है तीर्थकर भगवान महावीर की अंतिम देशना अर्थात दिव्यध्वनि, ओमकार ध्वनि तेरस तक खिरती रही उसके बाद भगवान महावीर का योग-निरोध हो गया और मोक्ष प्राप्त की अंतिम आंतरिक क्रियाएॅ पूर्ण हो और कार्तिक अमावस की प्रातः बेला में उन्हें निर्वाण की प्राप्ति हुई इसी उपलक्ष्य मेें जैन समाज द्वारा दीपावली पर्व मनाया जाता हैं कार्यक्रम का संचालन पं.शैलेन्द्र जैन शैलू एवं मिट्ठूलाल जैन द्वारा किया गया।